जालंधर (R24N): राष्ट्रीय मोटर व्हीकल एक्ट में नाबालिग बच्चों के वाहन चलाने पर अभिवावकों पर मामला दर्ज होगा। इसी के चलते नाबालिगों के दोपहिया वाहन चलाने पर रोक लगाई गई है और 31 जुलाई तक समय दिया गया है। जिसके बाद 1 अगस्त से पुलिस की ओर से कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि इस मामले में जालंधर पुलिस ने 1 अगस्त यानि कल से स्कूलों के बाहर नाके लगाने का ऐलान किया है।
जिसमें वाहन चलाते पकड़े गए नाबालिगों को माता-पिता से बात करवाने के लिए कहा जाएगा और बाद में उन्हें छोड़ दिया जाएगा। पुलिस का कहना है कि एक सप्ताह तक यह सिलसिला जारी रहेगा। दरअसल, पुलिस एजुकेशन सेल एक सप्ताह के जागरूकता अभियान के बाद कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस मामले को लेकर स्कूल प्रबंधकों को भी बच्चों को आगाह करने के बारे में कहा गया है।
एसएसपी अंकुर गुप्ता और एसीपी ट्रैफिक आतिश भाटिया जारी हुए निर्देशों के मुताबिक इंतजाम कर लिए गए है। इस दौरान यदि कोई वाहन मालिक 18 वर्ष से कम उम्र के बालक या बालिकाओं को वाहन चलाने के लिए देता है, तो उसे 3 साल की जेल की सजा और 25 हजार के जुर्माना से दंडित किया जाएगा। इस पत्र के आने के बाद जालंधर में भी जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी विद्यालयों को पत्र जारी करने की कवायद शुरू कर दी है।
बता दें की राष्ट्रीय मोटर व्हीकल एक्ट में सख्ती लाते हुए यह फैसला लिया गया है के 1 अगस्त से अगर कहीं पर नाबालिग वाहन चलाते पकड़े जाते हैं तो उनके अभिभावकों पर मामला दर्ज होगा। जिसमें कानूनी सजा के साथ-साथ जुर्माना भी लगेगा। लिहाजा अब 1 अगस्त को मात्र आज के दिन का समय बचा है। इसके बाद नाबालिग वाहन चालकों के अभिभावकों पर कार्रवाई का सिलसिला शुरू हो जाए।
वहीं नाबालिग अगर गाड़ी चलाते पकड़ा गया तो उनका ड्राइविंग लाइसेंस भी 25 साल की उम्र के बाद ही बनेगा। एक्सीडेंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए परिवहन विभाग की तरफ से ये कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य ने कहा कि 18 साल से कम आयु के बच्चे बिना ड्राइविंग लाइसेंस के और लापरवाही से गाड़ी चलाने पर दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। आंकड़ों के अनुसार, सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले 40 फीसदी नाबालिग बच्चे होते हैं। जिनकी आयु 12 से 18 साल के बीच की होती है। इसलिए ऐसे नियम बनाए जाने की जरूरत हुई है।