Karwa Chauth विवाहित महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे वे अपने पति की लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना के लिए रखती हैं। इस व्रत का पालन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है और इसे कर्क चतुर्थी भी कहा जाता है। इस साल करवा चौथ का पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जा रहा है।
चंद्रोदय का समय (Karwa Chauth Moonrise Time 2024)
व्रत रखने वाली महिलाएं चंद्र दर्शन के बाद ही अन्न और जल ग्रहण करती हैं। यहां देश के प्रमुख शहरों में चंद्रोदय का समय दिया गया है:
• दिल्ली: रात 7:53
• मुंबई: रात 8:36
• कोलकाताः रात 7:22
• लखनऊः रात 7:42
• जयपुर: रात 7:54
• भोपाल: रात 8:07
• हैदराबादः रात 7:43
• गुरुग्रामः रात 7:55
• चेन्नई: रात 8:18
• पुणे: रात 8:56
• श्रीनगरः रात 7:48
Karwa Chauth 2024: पूजन का मुहूर्त
• अभिजीत मुहूर्तः सुबह 11:43 से दोपहर 12:28
• विजय मुहूर्तः दोपहर 1:59 से 2:45
Karwa Chauth पूजन विधि
1. सोलह श्रृंगार कर महिलाएं पूजा के लिए तैयार होती हैं।
2. करवा माता का चित्र दीवार पर बनाएं या तैयार चित्र का उपयोग करें।
3. चावल और हल्दी मिलाकर जमीन पर चित्र बनाएं और उस पर करवा स्थापित करें।
4. करवा में खील-बताशे, साबुत अनाज डालें और घी का दीपक जलाएं।
5. पूजा के लिए आटे की पूड़ियां, खीर, ह और सुहाग की सामग्री अर्पित करें।
• गंगटोकः रात 8:40
• इंफाल: शाम 6:55
• पणजी: रात 8:39
Karwa Chauth पूजन विधि
1. सोलह श्रृंगार कर महिलाएं पूजा के लिए तैयार होती हैं।
2. करवा माता का चित्र दीवार पर बनाएं या तैयार चित्र का उपयोग करें।
3. चावल और हल्दी मिलाकर जमीन पर चित्र बनाएं और उस पर करवा स्थापित करें।
4. करवा में खील-बताशे, साबुत अनाज डालें और घी का दीपक जलाएं।
5. पूजा के लिए आटे की पूड़ियां, खीर, हलवा और सुहाग की सामग्री अर्पित करें।
6. लोटे में जल भरकर रखें और पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें।
7. करवा चौथ की कथा सुनना अनिवार्य है। चंद्र दर्शन के बाद छलनी से पति का चेहरा देखकर जल ग्रहण करें।
Karwa Chauth की कथा
प्राचीन कथा के अनुसार, देवी करवा ने अपने पति को मगरमच्छ के हमले से बचाने के लिए अपने सतीत्व और धागे के बल पर मगरमच्छ को पेड़ से बांध दिया। करवा ने यमराज से अपने पति के जीवन की याचना की और यमराज को मृत्युदंड देकर मगरमच्छ को यमलोक भेजना पड़ा। इस पौराणिक कथा में करवा का प्रेम और विश्वास यह संदेश देता है कि पति-पत्नी के बीच प्रेम और निष्ठा का महत्व अत्यधिक है।
पूजन सामग्री की सूची
• करवा
• दीपक/दीया
• छलनी
• लोटा
• सिंदूर
• चावल
• मिठाई
• फल
• कथा की पुस्तक
निष्कर्ष
करवाचौथ सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह प्रेम, समर्पण और निष्ठा का प्रतीक है। यह व्रत महिलाओं को आत्म-नियंत्रण और विश्वास का महत्व सिखाता है। इस साल के करवा चौथ पर चंद्र दर्शन के समय का विशेष ध्यान रखें और शुभ मुहूर्त में पूजा संपन्न करें।
-रोजाना24न्यूज टीम की तरफ से आप सभी को करवाचौथ की हार्दिक शुभकामनाएं!