लुधियाना। थाना साहनेवाल की पुलिस ने आइलेट्स पास करवाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है। IDP Education के एजेंट टेस्ट पास करने के लिए उम्मीदवारों से 2 से 3 लाख रुपये लेते थे। रैकेट का संचालन एक आइलेट्स सेंटर का मालिक करता था।
एडीसीपी सुहेल कासिम मीर ने बताया कि IDP Education सेंटर का मालिक उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मुहैया करवाता था। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से 12 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं। रैकेट में कई अन्य कर्मचारी भी शामिल होने की आशंका है। आरोपियों की पहचान मोगा के दिलबाग सिंह, हरसंगत सिंह और जसप्रीत सिंह के रूप में हुई है। जबकि श्री मुक्तसर साहिब का निवासी मुख्य आरोपी गुरभेज सिंह अभी फरार है।
IDP Education के कर्मचारियों की मिलीभगत
थाना साहनेवाल के एसएचओ इंस्पेक्टर अमनदीप बराड़ ने बताया कि गुरभेज सिंह उम्मीदवारों को उनकी कोड भाषा में ईयर ब्लूटूथ डिवाइस, ‘मक्खी’ प्रदान करवा देता था। जांच में सामने आ रहा है कि आईडीपी अंतर्राष्ट्रीय कंपनी (IDP Education) के कर्मचारियों की भी कही न कही मिलीभगत सामने आ रही है। कर्मचारी हॉल के अंदर इलेक्ट्रॉनिक सिम डिवाइस भेजने का काम करवाते थे। वे उपकरणों को बेंचों के नीचे चिपका देते थे।
IDP Education से ठगी का शिकार छात्रों की दास्तां
IDP Education से ठगी का शिकार हुए छात्रों ने बताया कि बंद कालेज के नाम पर जालंधर ट्रैवल एजैंटों ने फीस के नाम पर लाखों रुपए की ठगी की है। बाद वह वापस आ गए। नियमानुसार इन कालेजों से 45 दिन के अंदर यहां पर जमा की गई फीस वापस करनी होती है लेकिन वह फीस भी वापस नहीं की जा रही है। गौरतलब है कि इससे पहले जालंधर में IDP Education पर करोड़ों रुपए की ठगी का आरोप लगा है। ये आरोप पंजाब के अलग-अलग शहरों में रहने वाले 50 से ज्यादा छात्रों ने लगाए हैं। यही नहीं, पिछले दिनों इन छात्रों ने जालंधर में डीसी दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन करते हुए IDP Education के खिलाफ डीसी को शिकायत दी है। मांग की है कि सभी छात्रों के पैसे वापस करवाए जाएं औऱ फ्राड कर रहे IDP Education पर एफआईआर दर्ज की जाए।