नई दिल्ली: गुलाम नबी आजाद ने बड़ा झटका देते हुए कांग्रेस पार्टी को छोड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने शुक्रवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देते हुए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता को भी छोड़ने की घोषणा की। आजाद पिछले कई दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे थे। सामने आई जानकारी के अनुसार आजाद ने पांच पन्नों का अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेजा है।
आजाद कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी-23 गुट में भी शामिल थे। यह गुट लंबे समय से कांग्रेस में नेतृत्व सहित कई तरह के बदलाव की मांग करता रहा है। कुछ दिन पहले ही आजाद की नाराजगी उस समय भी सामने आई थी जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ ही घंटों में उस पद से इस्तीफा दे दिया था।
गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफे में क्या लिखा?
आजाद ने सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में बेहद तल्ख बातें लिखी हैं। पांच पन्नों के अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा है कि एआईसीसी को संचालित कर रहे कुछ लोगों द्वारा नियंत्रित कांग्रेस ने इच्छाशक्ति और क्षमता खो दी है। उन्होंने कहा कि नेतृत्व को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू करने से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ करनी चाहिए थी। आजाद ने पत्र में कहा कि सोनिया और राहुल के 2014 से अब तक के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी 49 विधानसभा चुनाव में से 39 में हार चुकी है। बाकी 10 में से केवल चार में पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला और बाकी छह मौकों पर पार्टी गठबंधन के साथ गई।
2019 के चुनाव के बाद लगातार पार्टी की स्थिति होती जा रही बदतर
आजाद ने लिखा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी की लगातार बदतर स्थिति होती जा रही है जब आननफानन में राहुल ने अध्यक्ष पद छोड़ दिया था। आजाद ने लिखा, ‘आप (सोनिया गांधी) फिर अंतरिम अध्यक्ष बन गईं और पिछले तीन साल से आप इस पद पर हैं।’ आजाद के अनुसार, सबसे खराब ये है कि ‘रिमोट कंट्रोल मॉडल’ जिसने यूपीए सरकार की संस्थागत समग्रता को नुकसान पहुंचाया अब वह इंडियन नेशनल कांग्रेस पर भी लागू हो गया है। आप केवल एक चेहरा मात्र हैं और सभी अहम फैसले राहुल गांधी या कहें कि उनके सिक्योरिटी गार्ड या पीए द्वारा लिए जा रहे हैं।