नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ समेत कई कुख्यात गैंगस्टरों के खिलाफ नकेल कस दिया है। दिल्ली में पहली बार सिद्धू मूसेवाला की हत्या के आरोपियों सहित कई गैंगस्टरों के खिलाफ सख्त गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) लागू किया गया है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि यूएपीए के तहत दो मामले दर्ज किए गए हैं। आमतौर पर, इस अधिनियम का उपयोग आतंकी मामलों या राष्ट्रीय अखंडता के लिए खतरा पैदा करने वाली घटनाओं में किया जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कई प्रतिबंधित संगठनों के संपर्क में रहने वाले और भारत में लक्षित हत्याओं को अंजाम देने की योजना बनाने वाले गैंगस्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए गृह मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद दिल्ली पुलिस के अधिकारी अपने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के समकक्षों के साथ समन्वय कर रहे हैं।
मूसेवाला हत्याकांड के आरोपी लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और विक्रम बराड़ के साथ-साथ उनके प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों – दविंदर बंबिहा, कौशल चौधरी, नीरज बवाना, सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया, दिलप्रीत और सुखप्रीत उर्फ बुद्धा के अलावा फरार आतंकवादी हरविंदर रिंडा के खिलाफ यूएपीए लगाया गया है। यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ को सूचना मिलने के बाद की गई है जिसमें कहा गया कि दोनों गिरोह के सदस्य दिल्ली और अन्य राज्यों में लक्षित हत्याओं को अंजाम देने के लिए देश के बाहर से अवैध हथियार खरीद रहे थे।
यूएपीए की एक ही धारा 18 (साजिश के लिए सजा), 18-बी (आतंकवादी कृत्य के लिए किसी व्यक्ति या व्यक्तियों की भर्ती के लिए सजा), और 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होने की सजा) और स्पेशल सेल की दो अलग-अलग इकाइयों द्वारा आईपीसी 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। मामलों में एसीपी रैंक के दो अधिकारी जांच अधिकारी हैं।