रोजाना24न्यूज: एक हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में वांछित नवरत्न ग्रुप ऑफ कम्पनीज के चेयरमैन हिमांश वर्मा को नेपाल पुलिस ने भागने की फिराक करते हुए गिरफ्तार कर लिया। हिमांश वर्मा के नेपाल होने की जानकारी पंजाब पुलिस को दी थी जिसके बाद पंजाब पुलिस ने नेपाल पुलिस को इनपुट दिए तो उसकी नेपाल से गिरफ्तारी हो गई। हिमांश वर्मा जालंधर में भी 3 केसों में वांछित हैं जबकि एक केस में जब उसे जालंधर पुलिस ने गिरफ्तार किया तो वह चंडीगढ़ में जालंधर पुलिस की हिरासत में फरार हो गया था।
हिमांश वर्मा इतना शातिर है कि उसने कई ऐसी कंपनीज खोल रखी थी जो सीधे तौर पर सरकारों से कारोबार करती थी। इसी के चलते कई नेताओं को निजी फायदे देकर उसने अपनी काफी पहचान बना ली। जालंधर समेत, चंडीगढ़ और महाराष्ट्र समेत कई शहरों व राज्यों में उसके ऑफिस खुल चुके थे। 1250 करोड़ रुपए के लेनदेन में हुई धोखाधड़ी को लेकर ई.डी. की जांच में हिमांश वर्मा और उसकी कंपनी का नाम भी सामने आ चुका है जबकि उसके खिलाफ 5 जनवरी 2022 को एल.ओ.सी. भी जारी की गई थी।
सी.बी.आई. भी हिमांश को लेकर जांच कर चुकी है जिसके बाद उसके के खिलाफ सी.बी.आई. ने भी एल.ओ.सी. जारी कर दिया था। 10 अपराधिक केस दर्ज होने के कारण इस समय गिरफ्तारी के डर से हिमांश नेपाल के रास्ते विदेश भागने की फिराक में था। बताया जा रहा है कि सिंडिकेट बैंक 2016 को हुए 1800 करोड़ के चर्चित धोखाधड़ी के केस में भी हिमांश वर्मा आरोपी है। ई.डी. जयपुर 5 सालों से हिमांश वर्मा, उसकी मां चंदर कांता और बहन पल्लवी वर्मा को पिछले पांच सालों से जांच में शामिल होने के लिए बुला रही है लेकिन इनमें से कोई भी पेश नहीं हुआ। नेपाल से गिरफ्तारी होने के बाद अब पंजाब पुलिस हिमांश वर्मा को वहां से लेकर आएगी।