8 महीनों से पंजाब सरकार द्वारा भुगतान न किए जाने के कारण बंद पड़ी है आयुष्मान भारत स्कीम : शैली खन्ना
रोजाना24न्यूज: वार्ड-17 से भाजपा पार्षद शैली खन्ना द्वारा सेहत एवं परिवार कल्याण मंत्री भारत सरकार भारती प्रवीण पवार को एक पत्र लिखकर पंजाब निवासियों की सेहत से जुड़ी समस्या से अवगत करवाया है। मंत्री भारत सरकार को लिखे पत्र में बताया कि पिछले 8 महीनों से भारत सरकार द्वारा चल रही स्वास्थ्य स्कीम आयुष्मण भारत योजना पंजाब में बंद पड़ी है, जिस कारण पंजाब के लाखों गरीब एवं जरूरतमंद लोग इलाज से वंचित हैं।
भाजपा पार्षद शैली खन्ना ने बताया कि पिछली पंजाब सरकार द्वारा अस्पतालों को भुगतान न किए जाने के कारण पंजाब के प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड धारक लोगों के इलाज करना बंद कर दिया गया है। हैरानी की बात यह है कि पंजाब के लोगों से बड़े बड़े वादे करके सत्ता में आई आप सरकार ने इस समस्या से समाधान के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है जिस कारण पंजाब के लाखों लोगों को अपना इलाज करवाने में जहां दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वही सही समय पर इलाज सुविधा न मिल पाने के कारण कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है।
शैली खन्ना ने पत्र में लिखा कि उनके वार्ड 17 के अधीन आते करीब 500 से अधिक लोगों की उन्होंने आयुष्मान कार्ड बनवाए थे जो आज सिर्फ कागज के टुकड़े बनकर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि जब लोग अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से इलाज न होने के बाद उनके पास इस बारे में सवाल करते हैं तो उनके पास कोई जवाब नहीं होता।
शैली खन्ना ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा भुगतान न किए जाने पर 2 महीने पहले पीजीआई अस्पताल चंडीगढ़ में भी यह हेल्थ स्कीम बंद कर दी गई थी पर भारत सरकार द्वारा हस्तक्षेप करने पर हस्पताल को यह स्कीम जनहित में दोबारा शुरू करनी पड़ी थी। उन्होंने सेहत एवं परिवार कल्याण मंत्री भारत सरकार भारती परवीन पवार से विनती की कि पंजाब के लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पंजाब में आयुष्मण भारत हेल्थ स्कीम लागू करवाई जाए ताकि पंजाब के लोग गंभीर बीमारियों का इलाज करवा सकें।
गौरतलब है कि पंजाब में आयुष्मान भारत स्कीम कोषाल अगस्त 2019 में मुख्यमंत्री सेहत बीमा योजना के तहत लांच किया गया था जिससे पंजाब के 65 फीसद जरूरतमंद एवं गरीब लोग प्राइवेट अस्पताल में ₹500000 प्रति साल तक इलाज करवा सकते हैं पर अफसोस की बात है कि पिछले 8 महीनों से भुगतान ना हो पाने के कारण यह स्कीम बंद हो गई है और पंजाब के लोगों को इलाज के लिए अस्पतालों को भारी भुगतान करना पड़ रहा है।