रोजाना24न्यूज: मंदिर के कपाट सुबह 8:29 से शाम के 6:19 तक बंद रहेंगे मंदिर की मूर्ति स्नान, नवीन वस्त्र धारण के बाद ही मंदिर श्रद्धालु भक्तों के लिए खोलें जाएंगे। जानकारी देते आचार्य राज किशोर शर्मा ने बताया कि 8 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण ग्रस्तोदय चंद्र ग्रहण कहलाएगा, ग्रस्तोदय चंद्र ग्रहण वह होता है जिसमें ग्रहण के समय में ही चंद्र का उदय होना, चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पूर्व से ही माना जाता है अंतर केवल इतना है,सामान्य चंद्र ग्रहण का सूतक स्पर्श से 9 घंटे पहले लगता है,ग्रस्तोदय चंद्र ग्रहण का सूतक “चंद्र उदय” से 9 घंटा पूर्व सुबह 8: बजकर: 29 मिनट से मान्य होता है,यह ग्रहण भारत के किसी भी राज्य में प्रारंभ में दिखाई नहीं देगा,भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के अलग-अलग शहरों में जैसे-जैसे शाम के 5:12 से पहले चंद्र उदय होगा वहां दिखाई देना शुरू होगा,भारत के कुछ ही हिस्सों में पूर्ण और अधिकतर हिस्सों में आंशिक चंद्रग्रहण दिखाई देगा।
चंद्रग्रहण में ग्रहों की युति, संयोग एवं फल
ज्योतिषाचार्य राज किशोर शर्मा ने बताया चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगेगा ग्रहण के दिन देवगुरु, बृहस्पति स्वग्रही मीन राशि पर वक्री रहेंगे, ग्रहों के सेनापति मंगल, न्यायाधिकारी शनि, ग्रहों के राजा सूर्य और क्रूर ग्रह राहु आमने-सामने होंगे तथा भारत की कुंडली में तुला राशि पर सूर्य, केतु, बुध और शुक्र की युति भी बन रही है। इसके अलावा, वशनि मकर राशि में और मिथुन राशि में नवम भाव पर मंगल की युति षडाष्टक योग, नीचराज भंगयोग, प्रीतियोग, समसप्तक योग, यह विनाशकारी योग का निर्माण कर रहे हैं यह ग्रहों की युति एवं संयोग अशुभ फलदायक माने जाते हैं।
ग्रस्तोदय चंद्रग्रहण भूमि पुत्र मंगल की मेष राशि पर होने से कृषि क्षेत्र में फसलों को नुकसान, अकाल, प्राकृतिक प्रकोप, भूकंप, बर्षा, रोगों, महंगाई में वृद्धि एवं राजनीतिक टकराव, जन आंदोलन, नेताओं का आकस्मिक निधन,जनहानि डर भय के माहौल की संभावना।
कार्तिक मास में ग्रहण लगने से-समुद्र में उपद्रव।
मंगलवार के को ग्रहण से-चोरी अग्निकांड का भय।
भरणी नक्षत्र में ग्रहण-महंगाई नशा अनैतिक कार्यो में वृद्धि
व्यतिपात योग में-ईर्ष्या द्वेष अपहरण मारपीट की घटनाओं की आशंका।
चंद्र ग्रहण सूतक काल में क्या करें
धर्म सिंधु निर्णय सिंधु के अनुसार सूतक काल में खाद्य पदार्थों पर तुलसीदल,कुशा डालकर रखें मंदिर के कपाट बंद कर,स्नान करें,पूजन जाप आराधना उपासना करें, मध्य में हवन करें, ग्रहण मोक्ष के बाद स्नान करें नूतन यगोपवीत शुद्ध वस्त्र धारण करें, मंदिर एवं घरों को गंगाजल से शुद्ध कर उसी रात्रि में या दूसरे दिन सुबह चंद्र ग्रहण का दान अवश्य करें।
चंद्रग्रहण में यह कार्य वर्जित है
सूतक काल में मूर्तियों को स्पर्श न करें,पेड़-पौधों को भी स्पर्श न करें,यात्रा करने से बचें,ग्रहण काल में कैंची ,चाकू, सुई जैसी नुकीली धारदार चीजों का भी उपयोग,खाना बनाना,भोजन करना एवं सोना पूर्णतया वर्जित है।
क्या होता है चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण के समय सूर्य पृथ्वी और चंद्र एक दूसरे के बिल्कुल सीध में होते हैं, सूर्य की परिक्रमा में “पृथ्वी ” सूर्य और चंद्र के बीच मे आज जाती है, जिससे चांद धरती की छाया से पूरी तरह से छुप जाता है,इस दौरान जब हम धरती से चांद,को देखते हैं तो वह हमें काला नजर आता
चंद्र ग्रहण का समय
चन्द्र ग्रहण प्रारंभ : 14 :39 पर
चन्द्र ग्रहण समाप्त:17 :12 पर
चन्द्र ग्रहण मोक्ष : 18 :19 पर
चन्द्रोदय समय : 17 : 29 पर
सूतक का समय : 08 : 29 सुबह से
चंद्र ग्रहण कहां कहां दिखाई देगा
यह चंद्र ग्रहण भारत के साथ- साथ ऑस्ट्रेलिया,उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, रूस, चीन, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल और जापान आदि मे दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण का राशियों पर शुभाशुभ फल
मेष राशि-धनक्षय, शरीर कष्ट, वृष राशि-धनमिहानि, मिथुन राशि-सुख शांति धन लाभ, कर्क राशि-रोग, चिंता, कष्ट, सिंह राशि-संतान चिंता, कन्या राशि-दुर्घटना शत्रुभय, तुला राशि-पति-पत्नी संबंधी कष्ट, वृश्चिक राशि-कार्य में विलम्ब गुप्त चिंता, धनुराशि-अपव्यय, भागदौड़, मकर राशि-कार्य सिद्धि,धनलाभ, कुंभ राशि-उन्नति, मान प्रतिष्ठा में वृद्धि, मीन राशि-धनहानि, यात्रा, विवाद।