चंडीगढ़ः सरकारी खजाने का पैसा चुपके से निकालकर ब्याज में देने का खुलासा होने पर वित्त विभाग के चार अफसरों को निलंबित कर दिया गया है। आरोपी अफसरों के साथ मिलीभगत के शक में कई अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। शुरुआती जांच में पंजाब सरकार के सरकारी खजानों से 86 लाख से अधिक रुपये का संदिग्ध लेन-देन का खुलासा भी हुआ है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि उन्हें खजाना दफ्तरों से संदिग्ध लेन-देन की शिकायत मिली थी।
जांच के लिए दो जून को एक विभागीय कमेटी का गठन किया। गोपनीय जांच में सरकारी धन का निजी तौर पर इस्तेमाल कर मोटा पैसा कमाने के नए भ्रष्ट तरीके का खुलासा हुआ। उसके बाद एक सुपरिंटेंडेंट, दो सीनियर सहायक और एक जूनियर सहायक सस्पेंड कर दिया गया। वित्त मंत्री के अनुसार, जांच कमेटी की तरफ से सौंपी रिपोर्ट में कुल 86,44,022 रुपये का गड़बड़झाला सामने आया है। साथ ही इस मामले की जांच आगे जारी है। जांच कमेटी में खुलासा हुआ है कि सरकारी अवकाश से ठीक पहले मुलाजिम खजाने से रकम निकालते और उसे बाजार में अल्पावधि के लिए ब्याज पर दे दिया जाता।
अवकाश समाप्ति पर आरोपी मुलाजिम चुपके से खजाने का सारा पैसा जमा कर देते। यह खेल काफी दिनों से चल रहा था। इसकी शिकायत मिलते ही वित्त मंत्री चीमा हरकत में आए और जांच के आदेश दिए थे। चंडीगढ़ स्थित खजाना मुख्यालय में हुई इस हेराफेरी से चौकस हुए वित्त विभाग ने संदिग्ध वित्तीय लेन-देन के मामलों में राज्य स्तरीय और क्षेत्रीय खजाना दफ्तरों के ऐसे कई अन्य अफसरों व मुलाजिमों को ‘कारण बताओ नोटिस’ भी जारी करने शुरू कर दिए हैं। इनके खिलाफ भी वित्त विभाग को शिकायतें मिली थीं।