नई दिल्लीः मशहूर वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की मूल कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन ने कॉर्बन डॉइऑक्साइड उत्सर्जन से निपटने को लेकर ऐलान किया है कि कंपनी बायोगैस के उत्पादन के लिए गोबर का इस्तेमाल करेगा। बता दें कि इसका उपयोग सीएनजी कारों को चलाने के लिए किया जाता है। यह ऐलान कंपनी की आगामी विकास की रणनीति का भाग है।
बता दें कि बाजार में मारुति सुजुकी के फिलहाल 14 सीएनजी मॉडल उपलब्ध है। इसमें ऑल्टो, सेलेरियो, वैगनआर, स्विफ्ट, स्विफ्ट डिजायर, बलेनो, अर्टिगा, ग्रैंड विटारा समेत अन्य कारें शामिल हैं। भारतीय सीएनजी कार बाजार में मारुति सुजुकी की हिस्सेदारी लगभग 70 फीसदी है। बता दें कि मारुति ने साल 2010 में तीन मॉडलों ऑल्टो, ईको और वैगनआर के साथ सीएनजी कार मार्केट में बिक्री शुरू की थी।
कंपनी द्वारा अबतक 1.14 मिलियन से अधिक कार यूनिट्स को बेचा जा चुका है जिससे 1.31 मिलियन टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन की बचत हुई है। सुजुकी मोटर्स कॉर्पोरेशन का कहना है कि उत्सर्जन की चुनौती से निपटने के लिए सुजुकी की अनूठी पहल बायोगैस व्यवसाय है। इसमें गाय के गोबर से बायोगैस का उत्पादन कर आपूर्ति की जाएगी। कंपनी का कहना है कि बायोगैस का इस्तेमाल सीएनजी मॉडल की कारों में किया जा सकता है।