रोजाना24न्यूज: लोकसभा उपचुनावों के चलते आप सुप्रीमों अरविंद केजरीवाल तथा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 24 घंटे पहले आप में शामिल हुए वैस्ट हल्के के दलित नेता सुशील रिंकू को आज टिकट दे दी जिसके बाद गुरु रविदास चौंक के समीप खोले गए आप के चुनावी दफ्तर में आप पार्टी की ओर से सुशील रिंकू पहली बार मीडिया के रूबरू हुए मगर इस कांफ्रैंस दौरान सुशील रिंकू मीडिया के सवालों का ज्वाब दिए बिना ही चले गए यह प्रैंस कांफ्रैंस आज दोपहर 3 बजे रखी गई थी मगर 5 बजे शुरु हुई जोकि 7 मिनट में ही खत्म कर दी गई। सुशील रिंकू के लिए पहली चुनौती आप पार्टी के विधायकों को साथ लेकर चलना तथा वर्करों के दिलों में कांग्रेसी चेहरे की भड़ास को खत्म करना होगा।
विधानसभा चुनावौं दौरान वैस्ट हल्के से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सुशील रिंकू के खिलाफ बड़े स्तर पर गरीबवर्ग तथा पार्टी वर्कर रहे जिसके चलते रिंकू की वोट का ग्राफ नीचे गिरा। इनमें से रिंकू के दाए एवं बाए हाथ माने जाते पूर्व कांग्रेसी पार्षद मेजर सिंह तथा पूर्व डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी ने खुल कर रिंकू का विरोध किया और हाईकमान तक कई लंबी चौड़ी शिकायतें भेजी। सुशील रिंकू का आप में शामिल होना अब बंटी तथा मेजर ग्रुप फिर विरोध कर रहा है माना जा रहा है कि बंटी तथा मेजर आप को अलविदा कह सकते हैं।
सुशील रिंकू के सामने दलित समाज ही बना बड़ी चुनौती
बीते विधानसभा चुनावो दौरान वैस्ट हल्के में सुशील रिंकू के खिलाफ दलित समाज ने भी अपना वोट शेयर आम आदमी पार्टी को दिया था मगर अब इस बार रिंकू आम आदमी पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतर चुके हैं उन्होने दलित काडर की वोट हासिल करने के लिए पहले ही डेरा बल्लां के गद्दीनशीन संत निरंजनदास तथा संतसींचेवाल का आर्शीवाद ले लिया था। सुविज्ञ सूत्रों अनुसार जालन्धर लोकसभा उपचुनावों के लिए आम आदमी पार्टी की टिकट देने के लिए सुशील रिंकू का नाम डेरा बल्ला तथा संत सींचेवाल द्वारा भी रैफर किया गया था। अब देखना दिलचस्प होगा कि रिंकू इस चुनावों दौरान अपने से नाराज हुए दलित समाज की काडर वोट को कैसे हासिल करते हैं।
चरणजीत चन्नी को भाजपा मैदान में उतारने की कर रही तैयारी!
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भाजपा में शामिल होने जा रहे है। माना जा रहा है कि भाजपा रिंकू के खिलाफ चन्नी को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। बता दें कि जब चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री थे, तब सुशील रिंकू उनके सबसे अधिक करीब थे। चन्नी रिंकू के काम से इतने खुश थे कि वह उन्हे कैबिनट में स्थान देने की तैयारी कर रहे थे। मगर सरकार का कार्यकाल खत्म होने की कगार पर था। अगर भाजपा चन्नी को पार्टी में शामिल करती है तो लोकसभा उपचुनाव में भी चन्नी को मैदान में उतारेगी। जिससे चन्नी और रिंकू इस बार लोकसभा उपचुनाव में आमने सामने होंगे।