जालंधर : श्री चैतन्य महाप्रभु श्री राधा माधव मंदिर प्रताप बाग में 6 अप्रैल को 64वा श्री हरि नाम संकीर्तन सम्मेलन अखिल भारतीय श्री चैतन्य गौडीय मठ के वर्तमान आचार्य भक्ति विचार विष्णु महाराज जी की अध्यक्षता में प्रारंभ हो गया। महाराज जी ने भगवान का नाम संकीर्तन करने वाले में क्या योग्यता होनी चाहिए।
इस सम्बंध में बताया कि सभी प्रकार के दुनियावी विमानों से रहित, अपने आपको तृण से भी तुच्छ जानकर, वृक्ष के समान सहनशील होकर, अपने को सभी प्रकार के दुनियावी अहंकारों से मुक्त करके तथा सदा दूसरों को यथा योग्य सम्मान प्रदान करने वाला जीव ही निरंतर श्री कृष्ण के नामों का कीर्तन कर सकता है। जो लोग दुनियावी उच्च कुल में पैदा होने के कारण अपने को बड़ा समझते हैं, जो लोग अतुल ऐश्वर्य को प्राप्त कर अपने को धनी होने का घमंड करते हैं, जो लोग अपने दुनियावी रूप के अभिमान में इठलाते फिरते हैं, जो कदम कदम पर अपनी प्रशंसा के पीछे पड़े रहते हैं, वे लोग कभी भी अकिंचन की तरह निष्कपट होकर श्रीकृष्ण नाम का कीर्तन नहीं कर सकते।
सम्मेलन में हैदराबाद से जितेंद्रिय महाराज, मायापुर से निरीह महाराज, जगन्नाथ पुरी से शुद्धाद्वैती महाराज, कोलकाता से राम प्रभु, गोवर्धन से गोविंद महाराज, अनंत राम प्रभु, दीनबन्धु ब्रह्मचारी के साथ साथ भारत के विभिन्न तीर्थ स्थानों से अनेक सन्यासी व ब्रह्मचारी भी भाग ले रहे हैं। सभा के अंत में मायापुर से आए निरीह महाराज जी के साथ हरे कृष्ण महामंत्र संकीर्तन करते हुए सभी ने नृत्य संकीर्तन भी किया। मंदिर के महासचिव राजेश शर्मा ने बताया कि यह सम्मेलन 09 अप्रैल तक इसी प्रकार चलेगा । 08 अप्रैल को दोपहर 3:30 बजे एक विशाल नगर संकीर्तन मंदिर से निकाला जायेगा, जोकि मुख्य मुख्य बाजारों से होता हुआ मंदिर में विश्राम होगा ।
इस अवसर पर नरिंदर गुप्ता, केवल कृष्ण, रेवती रमण, अमित चड्ढा, राजेश शर्मा, कपिल शर्मा, अजय अग्रवाल, मिंटू कश्यप, रजीव ढींगरा, सत्यव्रत, सन्नी दुआ, ललित अरोड़ा, हेमंत थापर, डा मनीष, अजीत तलवाड़, राजन गुप्ता, निशु गुप्ता, गुरवरिंदर, विजय सग्गड़ व अन्य उपस्थित थे।