रोजाना24न्यूज: रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. लेकिन, इस बार भद्रा होने के कारण लोग असमंजस, दुविधा में हैं कि रक्षाबंधन का पर्व 30 अगस्त को मनाएं या 31 अगस्त को, ज्योतिषाचार्य राज किशोर शर्मा “राज गुरुजी” से जाने रक्षाबंधन की सही तारीख, राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और राखी कैसे बांधे, रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इसलिए रक्षा बंधन को राखी पूर्णिमा भी कहा जाता है. इस दिन बहनें भाइयों के सुखी जीवन समृद्धि के लिए उनकी कलाई पर राखियां बांधती हैं, वहीं भाई बहनों को उनकी रक्षा का वचन देकर यथा योग्य उपहार देते हैं वास्तव में यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्यार स्नेह समर्पण का का पवित्र पर्व है।
भद्रायां द्वे न कर्त्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा श्रावणी नृपतिं हन्ति च ग्रामं दहति फाल्गुनी कहते हैं भद्रा में दो कार्य कदापि नहीं करना चाहिए एक रक्षाबंधन दूसरा होलिका दहन, यह दोनों कार्य सर्वथा त्याज्य और वर्जित है। इस वर्ष श्रावण मास में पूर्णिमा तिथि का आरंभ 30 अगस्त 2023 को प्रातः 10 बजकर 59 मिनट से होगा और इसका समापन 31 तारीख को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर होगा. इस पूर्णिमा तिथि के साथ ही भद्रा काल का आरंभ भी हो जाएगा. शास्त्रों में भद्रा काल में श्रावणी पर्व मनाना निषेध माना गया है. इस दिन भद्रा काल का समय रात्रि 09 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।
इसलिए, इस समय के बाद ही राखी बांधना शुभ एवं मंगलकारी होगा, मुहूर्त प्रकाश,निर्णयामृत,पुरुषार्थ चिंतामणि,धर्म सिंधु, निर्णय सिंधु अनेक पंचांग धर्म ग्रंथों के अनुसार, यदि पहले दिन व्याप्त पूर्णिमा के दिन अपराह्न काल में भद्रा हो तो दूसरे दिन पूर्णिमा त्रिमुहूर्त व्यापिनी हो राखी बांधने के लिए सबसे उत्तम शुभ समय कहा गया है, किंतु 31 तारीख को पूर्णिमा त्रिमूर्ति व्यापिनी नहीं हैं। इसलिए पहले ही दिन 30 तारीख को भद्रा समाप्ति के पश्चात रात्रि में बिना किसी दुविधा, असमंजस, संशय के राखी बांधना शुभ उत्तम कहा गया है, ऐसे में 30 अगस्त के दिन भद्रा काल के कारण राखी बांधने का मुहूर्त सुबह के समय नहीं होगा. उस दिन रात में ही राखी बांधना उपयुक्त होगा।कुछ लोगों को संशय है क्या रात्रि में रक्षाबंधन करना चाहिए, हां अवश्य करना चाहिए, जब हमारे ऋषि मुनि शास्त्र बनाकर गए हैं जब उन सभी शास्त्रों में स्पष्ट लिखा है यदि दिन में भद्रा है तो पूरी रात आप राखी बांध सकते हैं तो इसमें अब मतभेद की आशंका कहां है।
धर्म सिंधु निर्णय सिंधु निर्णयामृत के अनुसार
तत्सत्वे तु रात्रावपि तदन्ते कुर्यादित निर्णयामृते
भद्रां बिना चेदपराह्ने तदा परा तत् सत्वे तु रात्रावपीत्यर्थ
31 तारीख को राखी सुबह 7:05 के बाद क्यों नहीं बांधना है।
किसी भी रूप में प्रतिपदा के दिन राखी बांधना शास्त्र सम्मत नहीं है इसलिए भूल कर भी प्रतिपदा में राखी ना बांधे निषेध एवं पूर्णतया वर्जित है
नंदाया दर्शने रक्षा देश नाशाय जायते
प्रतिपदा नंदा तिथि होती है नंदा तिथि में रक्षाबंधन करना नाश कारक होता
31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक है, इस समय में भद्रा का साया नहीं है. इस वजह से 31 अगस्त को सुबह के समय आप राखी बंधवा सकते हैं,
भद्रा है क्या जाने
भद्रा सूर्य नारायण एवं माता छाया की पुत्री है यम,शनि,यमुना की बहन है जन्म से ही उग्र और क्रूर स्वभाव के कारण उत्पात मचाने लगी थी ब्रह्मा जी ने विष्टि करण का उच्च पद दिया और कहा तुम तीनों लोकों में चंद्र की राशियों के अनुसार भ्रमण करोगी और जहां आपका वास होगा वहां ही उसका शुभ अशुभ फल माना जाएगा, इसलिए जिस दिन विष्टि करण होता है उसी दिन भद्रा का वास होता है, एक पौराणिक कथा के अनुसार सूपणखाॅ ने अज्ञानता वस अपने भाई रावण के भद्रा काल में ही राखी बांध दी थी ऐसा मानना है इसी कारण रावण का सर्वनाश हो गया था।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
30 अगस्त को रात 09 बजकर 02 मिनट से शुरू होगा और इस मुहूर्त का समापन 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 तक ही है,
शुभ अमृत बेला मुहूर्त
30 तारीख को रात्रि : 9:02 से लेकर रात्रि 10:13 तक
भद्रा का वास : 30 तारीख को सुबह 10:59 से लेकर रात्रि 9:02 तक
विष्टि करण : सुबह 10:59 से लेकर रात्रि के 9:0 2तक
रक्षाबंधन पूजन विधि
राखी बांधने से पहले बहन और भाई दोनों व्रत रखें. भाई को राखी बांधते समय बहन पूजा की थाली में राखी, रोली, दीपक, कुमकुम,अक्षत और मिठाई रखें. राखी बांधने से पहले भाई के माथे पर तिलक लगाएं. बहनें अपने भाई को दाहिने हाथ में राखी बांधें. राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारें. और मिठाई खिलाए फिर भाई बहन के पैर छूकर आशीर्वाद लें. इसके बाद भाई अपनी इच्छा अनुसार बहन को उपहार दें.
रक्षाबंधन का पर्व, भाई-बहन के अटूट प्रेम स्नेह के प्रति समर्पण का पर्व है बहन भाई के अक्षय सुख आनंदपूर्ण जीवन के साथ उज्जवल भविष्य की कामना करती है वही भाई बहन के जीवन भर की रक्षा का वचन देता है।
”
राखी बांधने का मंत्र
” *येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल*।
*तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचल:।।*”
राशियों के अनुसार राखी बांधना और भी उत्तम शुभ फलदाई होगी
1. *मेष*- मेष राशि के स्वामी मंगल हैं तो मेष राशि वालों को लाल रंग की राखी बांधनी चाहिए.
2. *वृषभ*- वृषभ राशि वालों के लिए नीले रंग की राखी शुभ होती है.
3. *मिथुन*- मिथुन राशि के लिए हरे रंग की राखी शुभ होती है.
4. *कर्क*- कर्क राशि के लिए सफेद या चांदी की राखी बहुत सुख प्रदान करने वाली और शुभ मानी जाती है.
5. *सिंह*- सिंह राशि जिसके स्वामी सूर्य हैं. उनके लिए सुनहरा रंग या पीले रंग की या स्वर्ण की भी राखी बहुत शुभ मानी जाती है.
6. *कन्या*- कन्या राशि के स्वामी बुध होते हैं इसलिए इनके लिए हरे रंग की राखी शुभ मानी जाती है.
7. *तुला*- तुला राशि के स्वामी शुक्र होते हैं अतः सफेद या चमकीले सफेद रंग की राखी शुभ है.
8. *वृश्चिक*- वृश्चिक राशि वालों के लिए लाल रंग की राखी शुभ मानी जाएगी.
9. *धनु*- धनु राशि के स्वामी गुरु बृहस्पति हैं अतः पीले रंग की राखी शुभता प्रदान करने वाली होगी.
10.*मकर*- मकर राशि के स्वामी शनि है अतः नीले रंग की राखी लाभदायक होगी.
11. *कुंभ*- कुंभ राशि के स्वामी भी शनि है. इन्हें भी नीले रंग की या इनके लिए आराध्य महादेव के रुद्राक्ष की राखी भी लाभदायक रहेगी.
12.*मीन*- मीन राशि के स्वामी गुरु है अतः इनके लिए पीले रंग, सुनहरे रंग और हल्दी कलर के रंग की राखी शुभ व लाभदायक रहेगी.
*आचार्य राजकिशोर शर्मा “राज गुरुजी”*
*मोबाइल नंबर – 94 17 33 56 33*