कर्बला का युद्ध मुसलमानों के लिए ही नहीं, ब्राह्मणों के लिए बहुत मायने रखता है
होशियारपुर : सर्व धर्म ख़्वाजा मंदिर के गद्दीनशीन सूफ़ी राज जैन जी के प्रयास से पंजाब में पहली बार कर्बला का वी आर दिखाया गया। सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक चले इस कार्यक्रम में 200 के करीब लोगों ने हिस्सा लिया।
कर्बला के युद्ध के बारे में अभी तक लोगों ने सुना ही था। लेकिन वीआर की मदद से इस युद्ध को महसूस करवाया गया कि कैसे छोटे-छोटे बच्चों को युद्ध में मारा गया। सूफी राज जैन जी ने कहा कि वीआर देखने के बाद सभी इमाम ए हुसैन के साथ और भी ज्यादा अक़ीदत से जुड़ गए।
उनके इस महा बलिदान को वीआर में देखने के बाद उस दर्द को लोगों ने खुद में महसूस किया। मौला हुसैन का इंसानियत के लिए दिया गया बलिदान देख कर मन में उनके प्रति सम्मान और श्रद्धा बढ़ गई है। वीआर कर्बला का मकसद लोगों के दिलों में इमाम हुसैन अ.स. और उनके असहाब की याद को ज़िंदा करना है।
कर्बला की शहादत सिर्फ मुसलमानों के लिए ही नहीं, बल्कि एक खास ब्राह्मणों के लिए बहुत मायने रखता है. कहा जाता है कि जब नबी मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन जंग ए कर्बला में गए थे तो उनकी मदद के लिए कुछ ब्राह्मण भी इस जंग में पहुंचे थे। इतना ही नहीं, उन्होंने इस जंग में अपनी शहादत देकर हिंदू-मुस्लिम के बीच एक प्रेम की ऐतिहासिक कहानी लिखी थी। सूफी राज जैन जी ने बताया कि मौला हुसैन के लिए राहिब दत्त ने अपने सात बेटे कुर्बान किए और कहा कि मौला का बलिदान किसी धर्म विशेष के लिए नहीं था। बल्कि पूरी इंसानियत के लिए है।