रोजाना 24 न्यूज : सुप्रीम कोर्ट ने डीएलएड डिप्लोमा वालों को बड़ा झटका दिया है। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान यानी NIOS से डीएलएड डिप्लोमा को 02 वर्षीय डिप्लोमा के बराबर मानने से इनकार कर दिया है। इसके बाद डीएलएड डिप्लोमा वालों का भविष्य अधर में लटक गया है। अब इसको लेकर डीएलएड डिप्लोमा धारक राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। पंजाब सरकार की ओर से डीएलएड डिप्लोमा धारकों के लिए अभी तक कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है।
इसको लेकर अब डिप्लोमा वालों को अपना भविष्य अंधकार में डूबता नजर आ रहा है। एनआईओएस का मुद्दा लोकसभा में उठाया गया था। लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। इस मुद्दें को ध्यान में लाते हुए शिक्षा विभाग को इस पर विशेष रुप से ध्यान देना चाहिए, ताकि अभ्यर्थी का भविष्य खराब न हो पाए। विभाग को इस जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसा न करने पर भारतियों को किसी नई परेशानी का सामना न करना पड़े।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
दरअसल, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें NIOS से 18 महीने का डीएलएड डिप्लोमा प्राप्त करने वालों और 2 साल के डीएलएड डिप्लोमा वालों को बराबर माना गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 18 महीने वाला डीएलएड डिप्लोमा को राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) ने शिक्षक भर्ती के लिए योग्यता के रूप में मान्यता नहीं दी है।
जस्टिस बी।आर। गवई और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ उत्तरखंड सरकार और जयवीर सिंह व अन्य द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका को स्वीकार करते हुए ये फैसला दिया है।