रोजाना24न्यूज: उज्जैन महाकाल मंदिर में बड़े हादसे की खबर आ रही है, जहां उज्जैन के ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार सुबह भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में आग लग गई। बताया जा रहा है कि इस आग से 10 से ज्यादा लोग घायल हुए है। ये आग तब लगी जब भस्म आरती के दौरान अबीर-गुलाल लगाया जा रहा था। आग से घायल हुए सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूचना पर कलेक्टर नीरज सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा अस्पताल पहुंचे है। अच्छी खबर ये है कि सभी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। कुछ लोगों का कहना है कि मंदिर में गुलाल उड़ाते समय आग अचानक गई।
पुजारी समेत 13 लोग घायल कलेक्टर
वहीं इस आग की घटना को लेकर जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह का कहना है, “गर्भगृह में भस्म आरती के दौरान आग लग गई. घटना में 13 लोग घायल हैं। उनका इलाज चल रहा है।
गुलाल उड़ाने से फैली आग
बताया जा रहा है कि भस्म आरती के दौरान गुलाल उड़ाने से अचानक आग फैल गई। इस घटना में महाकाल मंदिर में भस्मारती के मुख्य पुजारी संजय गुरु, विकास पुजारी, मनोज पुजारी, अंश पुरोहित, सेवक महेश शर्मा, चिंतामन गेहलोत सहित अन्य घायल हुए हैं। घटना के बाद सभी को उज्जैन के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से कुछ लोगों को इंदौर भी रेफर कर दिया गया है।
सुबह 4 बजे शुरू हुई भस्म आरती
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में होली पर्व पर आज ब्रह्म मुहूर्त में भस्म आरती के दौरान 4 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। कोटि तीर्थ के कुंड के जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के बाद दूध, दही, घी, शक़्कर ताजे फलों के रस से बने पंचामृत पूजन अभिषेक किया गया। बाबा का भांग से विशेष अभिषेक भी किया गया, जिसे विजय स्नान कहा जाता है। भांग चन्दन ड्रायफ्रूट से बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार किया गया है। इसके उपरांत महाकालेश्वर मंदिर के महत् द्वारा बाबा महाकाल को विशेष रूप से भस्मी रमई गई और भस्म के पश्चात मंदिर के पुजारी द्वारा धूप दीप आर्थिक प्रारंभ हुई। इस दौरान भगवान के साथ पण्डे पुजारियों ने होली का पर्व मनाया। श्री महाकालेश्वर मंदिर गर्भगृह में जमकर हर्बल गुलाल उड़ाया। होली पर भस्म आरती में शामिल हुए भक्त भी रंगो में सराबोर नजर आए। वहीं इस बीच आग की घटना भी घट गई। बता दें कि महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी है. बाबा महाकाल को भस्म सबसे ज्यादा प्यारी है। इसलिए आज बाबा महाकाल का भस्म से सराबोर किया। मान्यता है कि भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते है।