चंडीगढ़ (R24N): पंजाब पुलिस अब नशे के खिलाफ मुहिम तेज करने जा रही है। अगर कोई तस्कर पकडा गया तो 7 दिन के अंदर उसकी संपत्ति अटैच कर ली जाएगी। अगर कोई पुलिस कर्मचारी किसी भी स्तर पर नशे के कारोबार में संलिप्त पाया गया तो उसे मौके पर ही बर्खास्त कर दिया जाएगा।
वहीं, कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए 10 हजार नए पुलिस कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी। वहीं, पुलिस मिशन के साथ काम करेगी, जबकि इस काम मैं कमीशन के लिए कोई जगह नहीं होगी। थानों में दोस्ती और रिश्ते खत्म करने के लिए बड़े पैमाने पर तबादले किए जा रहे हैं। यह निर्णय मुख्यमंत्री ने आज अधिकारियों के साथ बैठक में लिया।
वहीं, अगर किसी पार्टी का विधायक कोई शिकायत देता है तो अफसरों को उसकी सुनवाई करनी पड़ती है। यह बात पंजाब के सीएम भगवंत मान ने सभी जिलों के एसएसपी के साथ बैठक के बाद मीडिया से कही। उन्होंने कहा कि डीसी और एसएसपी को आदेश जारी कर दिए गए हैं।
सीएम मान ने बताया कि पुलिस पर आरोप लगते हैं कि थानों में लंबे समय से एक एक ही स्टाफ तैनात है। लोग कहते हैं कि हम सरकार का साथ देते है। नशा बेचने वालों को पकड़कर थाने में दे आते है। लेकिन मुलाजिमों की यारियां व रिश्तेदारियां इतनी गहरी है कि शिकायतकर्ता पीछे से घर पहुंचता है, जबकि आरोपी पहले घर पहुंच जाते हैं। ऐसे में मुंशी, थानेदार व हवलदार की ट्रांसफर की गई है। ट्रांसफर डिवीजन व रेज स्तर स्तर पर की गई है। उन्होंने कहा कि नशे के मुद्दे पर जंगी स्तर पर गिरफ्तारी होगी।
लोकसभा चुनाव संपन्न होते ही सीएम ने अपने आवास पर डीजीपी गौरव यादव से मीटिंग की थी। इसमें उन्होंने पुलिस को लोगों से जुड़ने की हिदायत दी थी। इसके बाद तय हुआ था पुलिस मुलाजिम सुबह 11 बजे से 1 बजे तक अपने दफ्तरों में बैठेंगे। लोगों की शिकायतों का पहल के आधार पर निपटारा करेंगे। उक्त आदेश लागू कर दिए गए।